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विषय ःःकविता संग्रह


कविता ःकाली घटाएँ
★★★★★★★★★

आसमान सजा काली घटाओं से
 वर्षा जल से भरपूर
नाचे मयूर छम छम
देख बादल घनघोर

आओ बादल आओ
बरसो जोरजोर
हुई धरा रानी दुखित
खाकर सूरज के तीखे प्रकोप

बाग हुए मतवाले
देखकर घटा 
उदास प्रकृति खिल उठी
देख घटा घनघोर।

***
स्वरचित
सीमा..✍️✨
©

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